चित्रकूट एक प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन क्षेत्र है। चित्रकूट का नाम आते ही याद आता है भगवान श्री राम अपने अनुज व पत्नी संग वनवास के कई वर्ष बिताए थे। गत वर्ष मुझे वहाँ जाने का मौका मिला। गुप्त गोदावरी की गुफाओं में मेरा मन खो सा गया था। राम घाट में रात्रिकालीन जगमगाते नाव में बोटिंग पहाड़ों के बीच माता अनुसूया का मंदिर सब कुछ अद्भुत है।
मेरा मित्र अश्विनी, अम्बिकापुर से 55 किमी दूर जशपुर जिले में एक छोटा सा कस्बा है बगीचा, वहीं पास के गाँव में गुरुजी है। उसके सुनाये हुये रोचक विवरण के कारण मै 3 – 4 बार बगीचा जा चुका हूँ। हर बार एक नई जगह दिखाता है जैसा विवरण वह बताया था गंतव्य हर बार मैंने वैसा ही पाया।
बगीचा जंगलों और पहाड़ों से लगा हुआ कस्बा है यह चित्रकूट और दंडकारण्य के बीच राम वन गमन पथ में आता है। यहाँ कई जगह पे राम जी के वनवास के समय आने की कथा प्रचलित है, जहां उनके मंदिर भी बने हुये हैं। यहां के देव स्थान उनकी अवस्थिति को देखते हुये हम बगीचा को छत्तीसगढ़ का चित्रकूट भी कह सकते हैं। बगीचा के चारों ओर एक शानदार सा झरना मिल ही जाएगा जिनका विवरण अधोलिखित है :-
राजपुरी जल प्रपात
यह बगीचा से 4 किमी दूर शानदार झरना है।
दनगिरी जल प्रपात
यह बगीचा से 25 किमी दूर है लगभग 2 किमी ट्रेकिंग करके पहुंचा जा सकता है। इसे देखने के बाद चेन्नई एक्सप्रेस फिल्म में दिखाया गया दूध धारा जल प्रपात याद आ जाएगा।
मकर भंजा जलप्रपात
यह छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा जल प्रपात है। यह बगीचा से 25 किमी दूर है। लगभग 2 किमी ट्रेकिंग करके पहुंचा जा सकता है। झरने के निकट जाने के लिए पहाड़ी रास्ते पर पैदल उतरना पड़ता है जो काफी रोमांचक है। अतः पहले से सावधानी बरतने वाले सामान लेकर ही जाएँ |
कैलाश गुफा
यहाँ संत गहिरा गुरु का आश्रम तथा गुफा में शंकर जी का मंदिर है पास में ही एक शानदार झरना है।
खुड़िया रानी
स्थानीय लोगों की आस्था का प्रतीक माता खुड़िया रानी पहाड़ों के बीच एक गुफा में निवासरत हैं। चारों ओर से पहाड़ से घिरा स्थान बहती हुई नदी, गुफा से निकलता हुआ पानी, सबकुछ शानदार है। इसे देख कर मुझे गुप्त गोदावरी की याद आ गयी थी।
मयाली
बगीचा से 30 किमी दूर यहाँ शिवलिंग के जैसा बड़ा सा पहाड़ है जिसे मद्धेश्वर पर्वत कहते है यहाँ झील में बोटिंग का लुफ्त भी उठा सकते हैं।
कभी आप बगीचा के आसपास घूमना चाहें तो मेरे माध्यम से मेरे मित्र अश्विनी से संपर्क कर सकते हैं तथा सबसे जरूरी बात कभी घूमने जाएँ तो कृपया कचरा न फैलाएँ।
बृजनंदन सिंह
मेरा मित्र अश्विनी, अम्बिकापुर से 55 किमी दूर जशपुर जिले में एक छोटा सा कस्बा है बगीचा, वहीं पास के गाँव में गुरुजी है। उसके सुनाये हुये रोचक विवरण के कारण मै 3 – 4 बार बगीचा जा चुका हूँ। हर बार एक नई जगह दिखाता है जैसा विवरण वह बताया था गंतव्य हर बार मैंने वैसा ही पाया।
बगीचा जंगलों और पहाड़ों से लगा हुआ कस्बा है यह चित्रकूट और दंडकारण्य के बीच राम वन गमन पथ में आता है। यहाँ कई जगह पे राम जी के वनवास के समय आने की कथा प्रचलित है, जहां उनके मंदिर भी बने हुये हैं। यहां के देव स्थान उनकी अवस्थिति को देखते हुये हम बगीचा को छत्तीसगढ़ का चित्रकूट भी कह सकते हैं। बगीचा के चारों ओर एक शानदार सा झरना मिल ही जाएगा जिनका विवरण अधोलिखित है :-
राजपुरी जल प्रपात
यह बगीचा से 4 किमी दूर शानदार झरना है।
दनगिरी जल प्रपात
यह बगीचा से 25 किमी दूर है लगभग 2 किमी ट्रेकिंग करके पहुंचा जा सकता है। इसे देखने के बाद चेन्नई एक्सप्रेस फिल्म में दिखाया गया दूध धारा जल प्रपात याद आ जाएगा।
मकर भंजा जलप्रपात
यह छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा जल प्रपात है। यह बगीचा से 25 किमी दूर है। लगभग 2 किमी ट्रेकिंग करके पहुंचा जा सकता है। झरने के निकट जाने के लिए पहाड़ी रास्ते पर पैदल उतरना पड़ता है जो काफी रोमांचक है। अतः पहले से सावधानी बरतने वाले सामान लेकर ही जाएँ |
कैलाश गुफा
यहाँ संत गहिरा गुरु का आश्रम तथा गुफा में शंकर जी का मंदिर है पास में ही एक शानदार झरना है।
खुड़िया रानी
स्थानीय लोगों की आस्था का प्रतीक माता खुड़िया रानी पहाड़ों के बीच एक गुफा में निवासरत हैं। चारों ओर से पहाड़ से घिरा स्थान बहती हुई नदी, गुफा से निकलता हुआ पानी, सबकुछ शानदार है। इसे देख कर मुझे गुप्त गोदावरी की याद आ गयी थी।
मयाली
बगीचा से 30 किमी दूर यहाँ शिवलिंग के जैसा बड़ा सा पहाड़ है जिसे मद्धेश्वर पर्वत कहते है यहाँ झील में बोटिंग का लुफ्त भी उठा सकते हैं।
कभी आप बगीचा के आसपास घूमना चाहें तो मेरे माध्यम से मेरे मित्र अश्विनी से संपर्क कर सकते हैं तथा सबसे जरूरी बात कभी घूमने जाएँ तो कृपया कचरा न फैलाएँ।
बृजनंदन सिंह